Home Peoples Talents अब ना फिर से आउंगी – Poem by Jayesh Vyas

अब ना फिर से आउंगी – Poem by Jayesh Vyas

0
अब ना फिर से आउंगी – Poem by Jayesh Vyas

मत दो मुझे दर्जा देवी का , तुम्हे खुदपे शर्म आ जायेगी 
देखना एक दिन तुम्हारी , सोच ही तुमको खाएगी।
कहते हो की लड़की को अपनी हद में रहना चाहिये।
 ये ना पहनो, वो ना पहनो, वहा ना जाना चाहिये।
क्या कसूर मेरा ओ जालिम मैं तो  नन्ही बच्ची थी 
क्या मुझे भी इस उम्र में साडी को पहननी थी।
माँ तूने तो मुझे हमेशा, फूलो की तरह पाला था।
उन दरिंदो का आखिर क्या मेने बिगाड़ा था।
मेरे भी थे सपने सुनहरे , जिनको मुझे संजोना था
लेकिन मेरा जिस्म तो उन जालिमो के लिए खिलौना था
कुचल दिया, मसल दिया मेरी रूह को बेदर्दी से।
अब बहला रहे हे लोग मुझे अपनी हमदर्दी से।
आज समज गई हु मै की बोझ नहीं होती हे बेटी
पर इन जालिमो के डर से कोख मे , मरती हे बेटी।
नहीं दोष उनका जो बेटी को हे कोख मे मारते
इस जालिम ज़माने के आगे ही हे वो तो हारते।
जो आबरु खोई हे  मैंने फिर से वो ना पाउगी।
जा रही हु पर याद रखना अब ना फिर से आउंगी।
                                   अब ना फिर से आउंगी।

– Jayesh Vyas


Note:-

Want to get your talent, poem or article featured on our blog, just mail it to us at talent@theinvincibleindia.in with a proper Title, content, your name and category of writing..

Leave a Reply